

छत्तीसगढ़ राज्य के सरगुजा संभाग में स्थित है अंबिकापुर शहर के शिवधारी कॉलोनी में शतचंडी महायज्ञ का भव्य आयोजन किया जा रहा है।
यह आयोजन धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है, जिसमें बड़ी संख्या में भक्तगण और श्रद्धालु भाग ले रहे हैं। शतचंडी महायज्ञ का उद्देश्य पुण्य के संचय, समाज में सकारात्मक ऊर्जा का संचार और भगवान से समृद्धि की प्राप्ति है। इस आयोजन में अनेक धार्मिक अनुष्ठान, हवन, पाठ और भव्य संस्कार आयोजित किए जा रहे हैं।
यह महायज्ञ न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी महत्व रखता है।

शतचंडी महायज्ञ के आयोजन में कथा का विशेष महत्व है, और इस महायज्ञ में चित्रकूट से पधारे शास्त्री जी महाराज द्वारा सुनाई जा रही कथा बहुत ही ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायक है। शास्त्री जी महाराज अपने प्रवचनों में न केवल धार्मिक सत्य, बल्कि जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं पर भी प्रकाश डालते हैं। उनके द्वारा बताई जा रही कथाएँ श्रद्धालुओं के मन में सकारात्मक विचारों का संचार करती हैं और उन्हें आत्मिक शांति और संतुलन प्राप्त करने की दिशा में मार्गदर्शन प्रदान करती हैं। उनकी वाणी में गहरी तत्वज्ञान की बातों के साथ-साथ जीवन के संघर्षों को सहन करने और ईश्वर में आस्था रखने की प्रेरणा दी जाती है, जो महायज्ञ के उद्देश्यों के साथ पूरी तरह से मेल खाती है।

यह शतचंडी महायज्ञ 16 जनवरी 2025 से अंबिकापुर शहर में प्रारंभ हुआ है और 25 जनवरी 2025 को भंडारे प्रसाद के साथ इसका समापन होगा। इस दस दिवसीय महायज्ञ के दौरान विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान, हवन और प्रवचन कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। श्रद्धालु बड़ी श्रद्धा और भावनाओं के साथ इस यज्ञ में भाग ले रहे हैं। 25 जनवरी को यज्ञ के समापन पर भव्य भंडारे का आयोजन किया जाएगा, जिसमें प्रसाद वितरण किया जाएगा, जिससे श्रद्धालुओं को विशेष आशीर्वाद प्राप्त होगा। यह महायज्ञ न केवल धार्मिक उन्नति का अवसर है, बल्कि समाज में एकता और भाईचारे को बढ़ावा देने का भी एक महत्वपूर्ण अवसर है।
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