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निश्चित ही नशे ने ले ली मासूम की जान/प्रदेश के हर जिलों में पूर्ण नशाबंदी की मांग को लेकर राष्ट्रीय हिन्दू संगठन….. राष्ट्रपति,प्रधानमंत्री,राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपेगा

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नवीन शराब दुकानें खोलने के फैसले को रद्द कर प्रदेश में पूर्ण नशाबंदी पर सार्थक विचार करे सरकार..प्रदेशाध्यक्ष सतीश पारख

दुर्ग,छत्तीसगढ दुर्ग में 6 साल की मासूम बच्ची के साथ हुई दरिंदगी और फिर हत्या निश्चित ही नशे का परिणाम है उक्त बातें राष्ट्रीय हिन्दू संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पारख ने कही ।उन्होंने कहा कि जिस तरह से एक मासूम बच्ची के साथ प्रथम दृष्टया जो कुछ तथ्य सामने आए उसके आधार पर कहा जा सकता है कि इस मामले में सस्ता और सुलभ तरीके से उपलब्ध हो रहे नशे के कारण एक मासूम बेटी के शरीर को गहरे जख्म देकर सगे दरिंदे चाचा ने उसे मौत के घाट उतार दिया। कोई मानसिक रूप से स्वस्थ और मजबूत आदमी इस तरीके की हरकत नहीं कर सकता। जानवर भी इस तरीके की दरिंदगी नहीं करता कोई श्वान भी इस तरीके से नहीं नोचता है जैसी हरकत एक सगे चाचा ने अपनी भतीजी रूपी बेटी से की है वो भी ऐसे समय जब हम अपनी सनातन संस्कृति के अनुरूप नवरात्र का पर्व मना ,छोटी छोटी बालिकाओं को माता रूपी दर्जा देकर उन्हें भोज करवा कर उनकी आरती उतारकर उनका आशीर्वाद लेते है ।निश्चित ही ऐसे समय घटित इस घटना ने पूरे मानव समाज को झकझोर कर रख दिया है। सतीश पारख ने जारी विज्ञप्ति के माध्यम से कहा कि पुलिस बयान में यह साफ है कि युवक नशे का आदी था अर्थात नशा करके अपराध हो रहे हैं और पुलिस भी यह स्वीकार रही है ऐसी स्थिति में प्रदेश सरकार को अपने फैसले पर पुनर्विचार कर नवीन शराब दुकानें खोलने के फैसले को वापस लेकर प्रदेश को पूर्ण नशाबंदी की ओर अग्रसर करने के प्रयास प्रारंभ करना चाहिए।

आखिर सस्ते नशे के कारोबार को संरक्षण किनका और पुलिस विभाग क्या कर रहा ?

ऐसे कई अपराध क्षेत्र में हो रहे हैं जो नशा के दुष्प्रभाव के कारण ही हो रहे है। सतीश पारख ने कहा कि सरकार छत्तीसगढ़ में 67 शराब दुकान जो खोल रही है उनमें से दुर्ग जिले में ही लगभग 17 से 18 नई दुकान खोलने जा रही है। मतलब सीधे-सीधे अपराध को बढ़ावा देने जा रही है ऐसा कहा जा सकता है । सस्ते नशा की सामग्रियां खुलेआम दुकानों में बिक रही है उसे अवैध कहकर पल्ला झाड़ना ठीक नहीं है नशा वैध हो या अवैध नशा तो नशा है और मानव जीवन के लिए अभिशाप भी जिसकी परिणीति ही है कि आज बहने बच्चियां भी सुरक्षित नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि आसानी से पान ठेले में तंबाकू, गुटका, सिगरेट मिल रहे हैं तो वहीं सूखा नशा शासन प्रशासन के संरक्षण में बिक रहा है? जनप्रतिनिधि और पुलिसिया तंत्र अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं और अपराध से कन्नी काटने की कोशिश कर रहे हैं किंतु यह अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ने वाली बात है । उन्होंने कहा कि हमें समस्त नशा का त्याग करना होगा और यह शासन को तत्काल प्रभाव से नशा मुक्त छत्तीसगढ़ बनाने के लिए सोचना होगा तभी जाकर हमारी बेटियां और भावी पीढ़ी बेटे भी सुरक्षित रह पाएंगे। दरिंदगी की चर्चा कर इति श्री कर लेना पर्याप्त नहीं है मुख्य कारण नशा है, इसे समाज को स्वीकार करना होगा। थोड़े से तनाव के लिए धूम्रपान आज के युवाओं का फैशन बन गया है लड़कियां भी इसे फैशन मानने लगी है। आदमी को आखिर नशा ही क्यों करना है। ऐसे ही घटिया हरकत करने के लिए नशा किया जा रहा है फिर तो नशा बंद ही होना चाहिए और ना सिर्फ हमारे प्रदेश अपितु देश भर को नशा मुक्त करने राज्य व केंद्र सरकार को एक मतेन प्रयास प्रारंभ करना चाहिए ।देश के प्रत्येक नागरिकों को भी अपने आसपास हो रहे नशे के कारोबार का विरोध करना चाहिए और पुलिस प्रशासन को चाहिए कि अपने समाज के प्रति ईमानदार होने का परिचय देते ऐसे प्रत्येक नागरिक को सहयोग करना चाहिए।

नशा मुक्त अभियान का ढोंग, लेकिन आध्यात्मिक जीवन से दूर हैं युवा

हम सब इस मामले को लेकर आक्रोशित हैं सोच रहे हैं कि रिश्तो की मर्यादा तार तार हो गई, नौ कन्याभोज जैसी पवित्र संस्कृति पर चर्चा हो रही, कातिल को अपने- अपने तरीके से सजा देने की बात हो रही है। लेकिन नशाबंदी की मांग कौन कर रहा है? सरकारें नशाबंदी के नाम पर नशा मुक्ति की ढोंग करते नजर आती है। आज के समय में युवाओं को आध्यात्मिक ज्ञान की बेहद आवश्यकता है जिस पर कोई बात ही नहीं होती। युवा मार्ग से भटक गए हैं क्योंकि सस्ता नशा सहज और आसान रूप से उपलब्ध है इसे मानना होगा। बारी किसी की भी आ सकती है हमें वक्त रहते संभलना होगा सरकार की महत्वपूर्ण भूमिका है कल कोई और बेटी इससे भी वीभत्स दरिंदगी का शिकार न बन जाए। नशा अधर्म है इसका नाश बेहद जरूरी है। सबको मिलकर इसका विरोध करना होगा कोई हीरो नहीं आएगा जो इसके खिलाफ लड़ेगा आपको अपने घर से निकलना होगा इसका विरोध करना होगा।
इस मामले को लेकर राष्ट्रीय हिन्दू संगठन छत्तीसगढ़ प्रत्येक जिलों में राष्ट्रपति,प्रधानमंत्री, राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टरो को ज्ञापन भी सौंपेगा।

शराब, धूम्रपान या किसी भी तरह का नशा सेहत के लिए हानिकारक है. तांडव लाइव नशे को किसी भी रूप में प्रोमोट नहीं करता है।

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